LOVE THE NATURE...LOVE THE NATION

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Tuesday 8 November 2011

12 को भरवाएंगे नामांकन : तंवर

सिरसा। रतिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी जरनैल सिंह का नामांकन पत्र 12 नवम्बर को भरवाया जाएगां। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी इस दिन रतिया पहुंचेगें। यह जानकारी सिरसा लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव डा. अशोक तंवर ने आज संसदीय क्षेत्र के गांव गिल्लाखेड़ा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।
सांसद तंवर ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने रतिया (सुरक्षित) सीट से मेहनती व झुझारू उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हुड्डा इस दिन नामांकन पत्र भरवाने के साथ एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करेगें। उनके साथ देश व प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेता इस दिन रतिया शिरकत करेगें। सांसद तंवर ने कहा कि रतिया विधानसभा का विकास ही उनकी प्राथमिकता है और पार्टी यहां विकास और साफ छवि के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। सांसद तंवर ने कहा कि उनकी अबतक की सांसद निधि का कुल एक चौथाई राशि रतिया के विकास पर खर्च की गई है। उन्होंने कहा कि रतिया विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी अन्य कई परियोजनाएं पाईप लाईन में है, जिसका सीधा लाभ यहां कि जनता को मिलेगा। फतेहाबाद के गांव दरियापुर में बनने वाली फुटबाल एकेडमी और गांव भूना में प्रस्तावित एलपीजी गैंस बोटलिंग प्लांट से इस क्षेत्र की जनता को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी इस क्षेत्र को किसी भी सुरत में पिछड़ा नही रहने दिया जाएगा। शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रदेश में बनने वाले छत्तीस मॉडल स्कूलों में से 12 से अधिक मॉडल स्कूल संसदीय क्षेत्र में खोलें जाएगें। दिल्ली से लुधियाना के बीच चलने वाली नई शताब्दी ट्रेन का ज्रिक करते हुए सांसद तंवर ने कहा कि केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री केएच मुन्नीयप्पा व रेलवे बोर्ड के चैयरमेन से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है और उनकी तरफ से नरवाना, टोहाना व जाखल में शताब्दी के ठहराव की मांग की गई है। ताकि इस क्षेत्र के लोगों को दिल्ली व लुधियाना जाने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़ें। इन स्टेशनों पर शताब्दी के ठहराव से फतेहाबाद, रतिया के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगां। व्यापारियों को इस सेवा से व्यापार में लाभ मिलेगा और यातायात की सुगम व्यवस्था होगी। सांसद ने कहा कि रतिया विधानसभा क्षेत्र के हलकों का दौरा करने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा 18 व 23 नवम्बर को रतिया आएगें और विधानसभा क्षेत्र के गांवो का दौरा करेगें और लोगों से पार्टी प्रत्याशी जरनैल सिंह के पक्ष में मतदान की अपील करेगें। उनके साथ अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेगें। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश प्रतिनिधि होशियारी लाल शर्मा, पार्टी जिलाध्यक्ष मलकीत सिंह खोसा, ब्लॉक प्रधान भूपेश मेहत्ता, सुरेन्द्र दलाल, सुमितजैन एड़वोकेट, बलविन्द्र तामसपुरा, रमेश डांगरा टोहाना सहित अन्य कांग्रेस नेता व पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बदलाव के मूड में जनता : अजय

हिसार। आदमपुर की जनता इस बार बदलाव के मूड में है और इनेलो प्रत्याशी राम सिंह बसवाना को भारी मतों से विजयी बनाकर इसकी शुरुआत करेगी। यह बात इनेलो के प्रधान महासचिव व विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला ने आज हिसार अर्बन अस्टेट स्थित अपने आवास पर पार्टी कार्यकत्र्ताओं की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। इस बैठक में इनेलो नेता ने आदमपुर उपचुनाव को लेकर पार्टी कार्यकत्र्ताओं के साथ व्यापक विचारविमर्श किया और चुनावी रणनीति तैयार करते हुए कार्यकत्र्ताओं की ड्यूटियां लगाई गई। पार्टी ने उपचुनाव के लिए आदमपुर हलके को 15 जोन में बांटकर हर जोन के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए हैं।
डॉ. अजय सिंह चौटाला ने कहा कि आमदपुर की जनता ने पिछले 43 सालों से एक ही परिवार के सदस्यों को अपना प्रतिनिधि बनाकर उन्हें विधानसभा भेजा लेकिन इस परिवार ने क्षेत्र के विकास की तरफ ध्यान देने की बजाय सिर्फ अपने आपको पारिवारिक विकास तक ही सीमित रखा। उन्होंने कहा कि कुलदीप बिश्नोई का परिवार केवल अपने तक ही सीमित रहता है और उन्होंने कभी भी इस क्षेत्र के लोगों को आगे बढऩे अथवा यहां का प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि  बिश्नोई परिवार अनेक बार मंत्री व मुख्यमंत्री के पद तक रहा लेकिन इस हलके के गांव बालसमंद, बुड़ाक व बांडाहेड़ी से लेकर अनेक गांवों में आज सिंचाई के लिए पानी तो दूर पीने के लिए भी पानी नहीं मिल रहा जिसके लिए सिर्फ भजनलाल परिवार ही जिम्मेदार रहा है।
इनेलो नेता ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के परिवार ने कभी नहीं चाहा कि इस क्षेत्र से कोई किसान, मजदूर, गरीब अथवा पिछड़े वर्ग का कोई साधारण कार्यकत्र्ता विधायक बने। इसी के चलते पहले भजनलाल खुद यहां से विधायक रहे और जब कभी सांसद बनने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी पत्नी जसमादेवी बिश्नोई व बेटे कुलदीप बिश्नोई को आगे बढ़ाते हुए उन्हें यहां से विधायक बनाने का काम किया। अब कुलदीप संसद में पहुंचे तो उन्होंने अपनी पार्टी के किसी अन्य कार्यकत्र्ता को टिकट देने की बजाय अपनी पत्नी रेणुका बिश्नोई को उम्मीदवार बढ़ाते हुए परिवारवाद की इस परम्परा को और आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अब आदमपुर की जनता इस क्षेत्र को एक ही परिवार की जागीर नहीं बनने देंगे और 43 साल के बाद पहली बार राम सिंह बसवाना के तौर पर एक निष्ठावान, योग्य, मिलनसार व प्रतिष्ठित प्रत्याशी को विजयी बनाकर देश व प्रदेश के सामने एक नई मिसाल कायम करेंगे।
डॉ. अजय सिंह चौटाला ने कहा कि आदमपुर की जनता अब परिवारवाद की राजनीति से पूरी तरह तंग आ चुकी है और इस उपचुनाव में इनेलो के पक्ष में भारी मतदान करके उन लोगों को करारा सबक सिखाएगी जो आदमपुर के मतदाताओं को अपने बंधुआ मजदूर मानकर चल रहे हैं। इनेलो नेता ने पार्टी कार्यकत्र्ताओं से आह्वान किया कि वे आज से ही पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में जुट जाएं और लोगों के बीच जाकर परिवारवाद व हिसार लोकसभा उपचुनाव में सियासी मैच फिक्सिंग करने वालों की पोल खोलते हुए उन्हें करारा सबक सिखाने का आग्रह करें। उन्होंने कहा कि इस बार निश्चित तौर पर इनेलो प्रत्याशी राम सिंह बसवाना रिकॉर्ड तोड़ मतों से विजयी होंगे। उन्होंने श्री बसवाना को एक विनम्र, मृदुभाषी, ईमानदार, सुलझे हुए, कानून विशेषज्ञ व उच्च आदर्शों का धनी बताते हुए कहा कि वे निश्चित तौर पर आदमपुर के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। बैठक को जिला प्रधान उमेद सिंह लोहान, राज्यसभा सांसद रणबीर प्रजापत, पूर्व मंत्री कंवल सिंह, पूर्व मंत्री सुभाष गोयल, पूर्व विधायक पूर्ण सिंह डाबड़ा, राजेश गोदारा, भागीरथ नंबरदार, यशपाल गोदारा व श्रवण बिश्नोई सहित अनेक नेताओं ने सम्बोधित किया।

जातिगत गणना के पुख्ता प्रबंध : उपायुक्त


तहसील के चार्ज सेंटर का किया उद्घाटन
सिरसा। जिला में चल रही सामाजिक-आर्थिक तथा जातिगत जनगणना के लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्यूटियां पहले से ही लगा दी गई है। जनगणना सर्वेक्षण कार्य को निष्पक्ष, पारदर्शिता एवं सुचारू तथा निर्धारित अवधि में पूरा करवाने के लिए जिला में 9 चार्ज सेंटर बनाए गए हैं और श्रीमती अमिता चौधरी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। 
यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त डीके बेहरा ने आज स्थानीय पंचायत भवन में सिरसा तहसील के चार्ज सेंटर का उद्घाटन करने के उपरांत दी। उन्होंने कहा कि सारा कार्य बिना कागज-पत्र के हैंडहेल्ड इलैक्ट्रॉनिक डिवाइज पर किया जाएगा। इससे आंकड़ा प्रविष्टि में गलतियां और प्रगणक के स्वनिर्णय में बहुत अधिक कमी आएगी। सारी सूचना पूर्णत: आधार और एनपीआर के अनुकूल होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिकांश जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी प्रकार की गलत सूचना न दी जाए। इसके लिए गणना चरण में ग्राम सभा के स्तर पर जनता द्वारा जांच-सभी स्तरों पर जांच पड़ताल की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 परिवारों को उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति के आधार पर रैंक प्रदान करेगी जिससे राज्य, संघ राज्य क्षेत्र सरकारें यथार्थ रूप से ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की एक सूची तैयार कर सकेगी। उन्होंने कहा कि इससे देश में जनसंख्या के जातिवार ब्यौरों की प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध होगी। यह विभिन्न जातियों का सामाजिक आर्थिक विवरण प्रदान करेगी।  
श्री डीके बेहरा कहा कि इसके लिए प्रगणकों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रत्येक प्रगणक को चार गणना ब्लॉक दिए गए हैं और प्रत्येक 6 प्रगणकों पर एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रगणक गणना ब्लॉक में अभिज्ञात प्रत्येक परिवार का दौरा करेगा और प्रश्रावली को भरेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रगणक के साथ एक डाटा  एंट्री ऑप्रेटर रहेगा। यह डाटा एक इलेक्ट्रॉनिक हैंडहेल्ड डिवाइस में सीधे लिया जाएगा। हैंडहेल्ड डिवाइस में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर हेतु भरे गए फार्मों की स्कैन इमेज प्रविष्ट होंगी। उन्होंने कहा कि एकत्र किए गए आंकड़ों को पंचायत में सत्यापित किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति इसके संबंध में दावे, आपत्तियां और सूचना पदनामित अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। यह प्रारूप सूची ग्राम पंचायत, खंड विकास कार्यालय, चार्ज केंद्र और जिला कलैक्टर कार्यालय में उपलब्ध रहेगी। 
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिले में सामाजिक-आर्थिक तथा जातिगत जनगणना का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है इसके लिए प्रगणकों, पर्यवेक्षकों की नियुक्ति तथा उन्हें प्रशिक्षण देने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है। 
अतिरिक्त उपायुक्त ने जनगणना सर्वेक्षण कार्य को निष्पक्ष, पारदर्शिता एवं सुचारू तथा निर्धारित अवधि में पूरा करवाने के लिए श्रीमती अमिता चौधरी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है और तहसीलदार को ग्रामीण क्षेत्रों में चार्ज अधिकारी नियुक्त किया है तथा शहरी क्षेत्रों के लिए ईओ नगरपालिका व सचिव को चार्ज अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने जनगणना सर्वेक्षण कार्य में नियुक्त किए गए सभी अधिकारियों से कहा है कि इस कार्य को पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा करें तथा ड्यूटी में लगाए गए प्रगणकों व पर्यवेक्षकों के कार्य का भी समय-समय पर निरीक्षण करें ताकि जनगणना का कार्य समय सीमा में पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस जनगणना कार्य में जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2442 ब्लॉक बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 520 प्रगणक नियुक्त किए गए हैं जबकि शहरी में क्षेत्रों में 277 होंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 87 पर्यवेक्षक अपनी जिम्मेदारी का काम संभालेंगे जबकि शहरी क्षेत्रों में 46 पर्यवेक्षक अपनी ड्यूटी बखूबी निभाएंगे। 
श्री डीके बेहरा ने कहा कि ग्रामीण भारत में सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 को ईमानदारी व निष्ठा से निर्धारित अवधि में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में जातिवार जनसंख्या के अनुमान लगाने और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों का पता लगाने के संबंध में जनता की बहुत अधिक रूचि रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार जून 2011 और दिसंबर 2011 के बीच सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनसंख्या 2011 का कार्य कर रहा है। पहली बार भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए इतने बड़े पैमाने पर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि घर-घर जाकर सामाजिक-आर्थिक गणना की जाएगी जिससे परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आधार पर उनके स्तर का पता लगाया जाएगा जिससे राज्य सरकारें गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की सूची तैयार कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि प्रमाणिक सूचना उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे देश की जातिवार जनसंख्या की गणना हो सकेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और विभिन्न जातियों और जनसंख्या के विभिन्न वर्गों की शैक्षणिक स्थिति के संबंध में प्रमाणिक सूचना उपलब्ध करवाई जाएगी। 
इस अवसर पर डिप्टी सीओ श्री कुलभूषण बांसल, श्रीमती अमिता चौधरी, सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती आत्मा राम, सहायक अनुसंधान अधिकारी सुनील जाखड़, रेडियंट इंफोमेटिक डिस्ट्रीक इंचार्ज श्री रमेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

Monday 7 November 2011

3000 गायों के 30 लाख

वीरेंद्र भाटिया
नगरपार्षद रमेश मेहता से कल मुलाकात हुई। 3000 गायों को रोहतक के पास एक विशाल गऊशाला में भेजने के निर्णय पर मैंने उन्हें बधाई दी। तो उन्होंने जानकारियों का पिटारा खोल दिया। सिरसा में तकरीबन 3000 गायें खुले आम घूमती हैं जिनमें 90 प्रतिशत संाड हैं। और लगभग सभी सांड विशालकाय अमेरिकन खतरनाक सांड हैं जो नित्य दिन किसी न किसी दुर्घटना का कारण बनते रहते हैं। बच्चों को सींग मार देना, रेहड़ी से सब्जी या फल उठा लेना, किसी बाईक सवार से टकरा जाना, बड़ी गाडिय़ों से टकराकर स्वयं लहूलुहान हो जाना और तथाकथित गौभक्तों की इलाज के लिए बाट जोहना इन गायों, सांडों की नियति है। और उन पीडि़तों की भी यही नियति है कि गाय को मारेंगे तो गौभक्त अपनी राजनीति चमकाने के लिए आ धमकते हैं और समस्या जस की तस बनी रहती है।
लेकिन इस बार गौभक्तों ने राजनीति से आगे बढ़कर सच में नाम कमाने वाला कारनामा कर दिखाया है। 3000 गायों को रोहतक के पास स्थित गऊशाला में भेजा जाना है। प्रति गाय 1000 रुपये का भुगतान उस गऊशाला को किया जाना है जिसके एवज में वह गऊशाला उन गायों की ताउम्र की जिम्मेदारी लेगी। रोहतक वाली गऊशाला  73 एकड़ में फैली है जिसमें 22 एकड़ एरिया गायों के विभिन्न शैड व अन्य सुविधाओं के लिए कवर्ड है। तकरीबन 60 टन चारा रिजर्व पड़ा है और गेहूं व चना मिश्रित चारा ही सभी पशुओं को दिया जाता है। पांच लाख रुपये पेशगी जमा करवा दिए गए हैं और प्रतिदिन 40 गायों का बहिर्गमन हो रहा है।
कुछ गायें वे भी हैं जो दुधारू हैं लेकिन उनके स्वामी उन्हें दूध दुहने के बाद गलियों मे छोड़ देते हैं। गोभक्त उन गायों को भी रोहतक छोड़ आने के लिए स्वतंत्र हैं। इस डर से उन स्वामियों ने अपनी अपनी गायें अपने घरों में बांध ली हैं।
30 लाख रुपये का एकत्रण कैसे किया जा रहा है यह भी जानना दिलचस्प है। स्वयं उपायुक्त, पुलिस कप्तान और उपमंडलाधीश ने इस कार्य में दिलचस्पी ली है और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का एक दिन का वेतन इस कार्य के लिए दान में देने का फैसला लिया है। नगर के तमाम दानी सज्जन अपना अपना योगदान दे रहे हैं और मंत्री के भाई गोबिंद कांडा इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं इसलिए विभिन्न वर्गों को इस बड़े अभियान में प्रभाव में लेना आसान हो जाता है।
गायें सिरसा में आई कहां से? सभी को मालूम है कि राजस्थान के लोग कंडम पशुओं को सिरसा की हद में ट्रालियों में भर कर छोड़ जाते है। प्रश्न यह भी है कि क्या राजस्थान से और गायें सिरसा की हद में नहीं धकेल दी जाएंगी या भविष्य में कोई ट्रक या ट्राली भर कर नहीं छोड़ जाएगा इसका क्या इलाज है? मेहता ने बताया कि पुलिस प्रशासन सिरसा में आने वाले चारों मार्गों पर नाका लगाएगा और दोषी व्यक्ति पर केस दर्ज किया जाएगा। लेकिन खेतों में नाके नहीं लगते और पशु सड़क मार्ग से कभी शहर में प्रवेश नहीं करते। फिर भी गौभक्तों का, जिला प्रशासन का और तमाम दानी लोगों का सहयोग सराहनीय है। जिला प्रशासन को गाय मुक्त सडकों और गायमुक्त गलियों से कितनी बड़ी राहत मिलने वाली है यह सहज ही जाना जा सकता है और इतनी ही बड़ी राहत शहर के लोगों को मिलने वाली है। गोभक्तों को पहली बार पूरा शहर एकमत हो सराह रहा है।

'नहीं सुनी तो होगा दिल्ली का घेराव'

हिसार में भरी अजय ने हुंकार, सिरसा में माजरा गरजे
हिसार। सरकार द्वारा धान व बाजरे की फसल की खरीद न होने, फसलों का न्यूनतम मूल्य न मिलने, मंहगाई-भ्रष्टाचार व बिगड़ी कानून व्यवस्था के विरोध में आज इनेलो सड़कों पर उतर आई। आज पार्टी के प्रधान महासचिव व विधायक डा. अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व में इन मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया और महामहिम के नाम ज्ञापन प्रेरित किया। इस प्रदर्शन के चलते आज नगर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई और वाहनो ंकी लंबी कतार लग गई। इनेलो के आह्वान पर आज सुबह ही कटला रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए और बाद में प्रदर्शन करते हुए अनाज मंडी पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने हुड्डा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। इससे पहले कटला रामलीला मैदान में संबोधित करते हुए पार्टी महासचिव डा. अजय सिंह चौटाला ने स्पष्ट चेतावनी भरे लहजे कहा कि यदि किसानों की समस्याओं की तरफ हुड्डा सरकार ने ध्यान नहीं दिया व उनका समाधान नहीं निकाला तो मजबूरन आंदोलन तेज किया जाएगा और दिल्ली का घेराव किया जााएगा।
वहीं सिरसा में  कलायत के विधायक रामपाल माजरा के नेतृत्व में इनेलो ने प्रदर्शन कर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। विपक्षी दल ने बाजार में रोष रैली निकाली और लालबत्ती चौक पर प्रदर्शन किया।

औलख को मिलेगा छत्रपति सम्मान

सिरसा। साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों को समर्पित संस्था 'संवाद सिरसा' द्वारा प्रख्यात नाटककार प्रो. अजमेर सिंह औलख को वर्ष 2011 का छत्रपति सम्मान प्रदान किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए संस्था के सचिव वीरेन्द्र भाटिया ने बताया कि शहीद रामचन्द्र छत्रपति को समर्पित यह पुरस्कार प्रो. अजमेर सिंह को उनकी नाटक के क्षेत्र में सतत् साधना एवं सामाजिक चेतना के कार्यों में सक्रिय भूमिका के लिए प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 20 नवम्बर को छत्रपति के शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर श्री युवक साहित्य सदन में आयोजित समारोह में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित पद्मश्री प्रो. गुरदयाल सिंह के हाथों प्रो. औलख को यह पुरस्कार दिया जाएगा। संस्था सचिव वीरेन्द्र भाटिया ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता प्रतिष्ठित साहित्यकार मधुसूदन पाटिल करेंगे। समारोह में मकबूल शायर कुमार 'साइल' के गजल संग्रह 'हवाएं खिलाफ थीं' का भी विमोचन होगा। इस गजल संग्रह पर राजकीय महिला महाविद्यालय भोडिया खेड़ा की एसिसटैंट प्रोफेसर डा. मीत अपनी प्रस्तुति देंगी। इसके अतिरिक्त डा. हरविन्द्र सिंह की दो आलोचना पुस्तकों 'प्रगतिवादी काव चिंतन' तथा 'आधुनिक पंजाबी कविता' का लोकार्पण भी होगा जिस पर प्रसिद्ध माक्र्सवादी चिंतक का. स्वर्ण सिंह विर्क समीक्षा प्रस्तुत करेंगे। चिंतक एवं साहित्यकार मक्खन लाल को भी विशेष टिप्पणी के लिए आमंत्रित किया गया है।

सांसद ने दी ईद की शुभकामनाएं

सिरसा। सांसद डा. अशोक तंवर ने देश, प्रदेश व जिला वासियों को ईद-उल-जुहा (बकरीद)पर्व के मुबारक अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए लोगों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। तंवर ने कहा कि ईद का यह पर्व हमें आपसी मेलजोल व भाईचारा बढ़ाने और सच्चाई, त्याग व समर्पण की भावना अपनाने की प्ररेणा देता है। उन्होंने कहा कि यह त्यौहार आपसी भाईचारे, सद्भावना एवं एकता का प्रतीक है। ऐसे त्यौहार हमारे सांस्कृतिक तंत्र और राष्टï्रीय एकता एवं अखण्डता को और मजबूत करने में सहायक हैं। यह पावन अवसर हमें मानवता व पे्रम-प्यार की शिक्षा देता है और हमें गरीब व जरूरतमंदों के साथ खुशियां बांटने का अवसर प्रदान करता है।

Sunday 6 November 2011

बस इतना अता करना...

अरिदमन
    कल एक कवि सम्मेलन की रिकॉर्डिंग सुनते हुए विख्यात कवि कुमार विश्वास की कविता ने यह लेख लिखने को मजबूर कर दिया। ईद-उल-जुहा से पहले सहसा ही ऐसी रिकॉर्डिंग हाथ लगी जिसमें मुसलमानों की बात की गई है, सही मायनों में कहा जाए तो सच्चे भारतीय की। कुमार विश्वास ने रेडियो के सर्वे का हवाला देते हुए आश्चर्यजनक आंकड़ा पेश किया है। रेडियो द्वारा देश के 10 लोकप्रिय भजनों के लिए 10 लाख हिंदुओं से ऑनलाईन वोटिंग करवाई गई। जो 10 लोकप्रिय भजन चुने गए, उनमें से 6 साहिल लुधियानवी के लिखे हैं और 4 शकील बदायनी के। दसों भजनों को स्व. नौशाद साहब द्वारा संगीतबद्ध किया गया है और सभी स्व. मोहम्मद रफी के गाए हुए हैं। सभी भजन स्व. महबूब खान की फिल्मों के गीत हैं और इनमें अभिनय युसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार ने किया है। मेरे लिए ये तथ्य नए थे। वतन प्रेमी होने के चलते मुझे इससे आश्चर्यमिश्रित खुशी हुई। हमारे देश में किसी नाम में मोहम्मद या खान आते ही उस व्यक्ति को हेय दृष्टि से देखा जाता है। बेशक सार्वजनिक रूप से हम इसे स्वीकार नहीं करते लेकिन यह वास्तविकता है। बिना किसी को जाने, सिर्फ नाम ही हमारा किसी के प्रति नजरिया बनाने के लिए काफी होता है। और इसमें दोष हमारा नहीं है। हमारे वोट बैंक के लालची कुछेक राजनीतिज्ञों को यदि इसके लिए जिम्मेदार माना जाए तो यह कतई गलत नहीं होगा।
    देश के बंटवारे के बाद से लेकर आज तक की परिस्थितियों पर अगर नज़र दैड़ाई जाए तो जान पड़ता है कि हमारे राजनेताओं ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता की ओर लोगों को बढऩे ही नहीं दिया। हिंदु-मुस्लिम की खाई अगर पाट दी गई तो लोग समतल मैदान पर दूरदर्शी हो जाएंगे। पूरा देश दूर तक देखने लगेगा तो उन चंद लोगों की दूरदर्शिता का कोई मोल ही नहीं रहेगा जो खाई के दोनों ओर के लोगों को 'चरा' रहे हैं। उनमें एक-दूसरे के प्रति इतना जहर भरा जा रहा है कि वे खाई पार करके दूसरी ओर की असलियत जानना ही नहीं चाहते हैं। नेताओं की इस वोटबैंक की राजनीति पर भी कुमार विश्वास प्रश्न उठाते हैं। पवित्र नवरात्र के व्रत पर किसी नेता को फुर्सत नहीं मिलती कि वे हिंदुओं को बुलाकर उनके व्रत का पारायण करवा दें लेकिन रमजान के निकट आते ही प्रधानमंत्री से पार्षद तक सभी इफ्तियार की पार्टी देने लगते हैं। जब तक राजनेता मनुष्य को वोट समझते रहेंगे, इस देश का इलाज नहीं हो सकता।
    अक्सर नेताओं द्वारा कहा जाता है कि देश की एकता, अखंडता के बारे में लिखना-बोलना आसान है। सीमावर्ती क्षेत्रों में इसे व्यावहारिक रूप देना असंभव है। लेकिन यहां सवाल पैदा होता है कि जब-जब देश के सैनिकों ने जान की परवाह किए बिना कदम बढ़ाए हैं, तब दिल्ली में हुई गोलमेज बैठकों में किसके दबाव और षड्यंत्र के चलते उन बढ़े कदमों को 'पीछे हट' की कमांड दे दी जाती है। कुमार विश्वास के अनुसार, वे एक बार लेह में थे। -40 डिग्री तापमान में उनके मुस्लिम चालक ने दोपहर के समय रास्ते में गाड़ी रोकने की इजाजत ली और बर्फ पर मुसल्ला बिछाकर नमाज़ पढऩे लगा। शुक्रिया पढ़े जाने के बाद कवि ने चालक से पूछा कि तुम इस नर्क में क्या मांगते हो, जहां बीमारी और मौत के अलावा कुछ नहीं मिलता। उस चालक के जवाब से प्रभावित कवि ने उस पर कविता लिख डाली :-
दौलत न अता करना मौला, शौहरत न अता करना मौला,
बस इतना अता करना, चाहे जन्नत न अता करना मौला,
शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो,
होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो।
    जाहिर है कि देश के रखवाले सैनिक तो कम से कम धर्म, मजहब के बारे में नहीं सोचते। मुस्लिमों के गाए भजनों से हिंदुओं के घर की आरतियां सजती हैं। धर्म अगर यहां आड़े नहीं आता तो फिर समाज क्यों बंटा है? ईद के इस त्यौहार के मौके पर सभी को मुबारकबाद देते हुए केवल यही गुज़ारिश की जाती है कि हर हाल में देश की एकता व अखंडता के लिए कार्य करें क्योंकि
सपूत की कोई ज़ात नहीं होती।
गद्दार का कोई मज़हब नहीं होता।।

चैंपियनशिप विजेताओं का अभिनन्नदन

सिरसा। आठ देशों की जूडो चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों का आज यहां भव्य अभिनन्दन हुआ। कराटे एसोसिएशन तथा परिजनों सहित सैंकड़ों लोगों ने दिल्ली पुल पर खिलाडिय़ों का स्वागत किया। यहां से वाहनों के साथ शहर भर में विजय जुलूस निकाला गया। ज्ञातव्य हो कि विगत दिनों नेपाल में आठ देशों की जूडो चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, कोरिया, भूटान तथा दक्षिण कोरिया की इस प्रतियोगिता में देश के 14 खिलाडिय़ों ने भाग लिया था। खास बात यह है कि चैंपियनशिप में भाग लेने वाले 14 खिलाडिय़ों में से पदक हासिल करने वाले पांच के पांच खिलाड़ी सिरसा के हैं।  सभी खिलाड़ी बरनाला रोड स्थित सिरसा स्पोट्र्स कराटे अकादमी में कोचिंग ले रहे हैं।
    चैंपियनशिप में सूरज ने 32 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया। गुरजीत सिंह ने 37 किलोग्राम भार वर्ग में रजत तथा अमित सैनी, परमजीत सिंह व अक्षय ढाका ने कांस्य पदक जीता। इनमें से चार खिलाडिय़ों का आगामी 21 से 27 जनवरी 2012 को भारत के झारखंड में होने वाले एशियाड में चयन हुआ है। खिलाडिय़ों के कोच और कराटे एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सोमवीर पंवार ने इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों ने जी-जान से मेहनत की है। एशियाड गेम्स में भी वे कड़ी मेहनत करके यह मान बरकरार रखेंगे।
    खिलाडिय़ों के परिजन भी उनकी इस उपलब्धि से फूले नहीं समा रहे थे। दिल्ली पुल पर खिलाडिय़ों के पहुंचते ही उन्हें फूलों से लाद दिया गया। विजय जुलूस में लगातार ढोल-नगाड़े बजाकर परिजनों ने खुशी का इज़हार किया।   खिलाडिय़ों के परिजन विक्रम, श्रवण व काला सिंह का कहना है कि बच्चों ने अभिभावकों व सिरसा का ही नहीं, पूरे देश का नाम रौशन किया है। यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि आज उन्हें ऐसा अवसर मिला है। खिलाडिय़ों को खुली गाड़ी में चढ़ाकर पूरे शहर में विजय जुलूस निकाला गया। अनेक स्थानों पर खिलाडिय़ों को फूल-मालाएं व अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

मिस्त्री की संदिग्ध मौत

सिरसा। एलनाबाद में एक मार्बल मिस्त्री की संदिग्ध पििस्थतियों में मौत हो गई। पुलिस ने शव कब्जे में लिया और सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर मकान मालिक व ठेकेदार के विरुद्ध गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। शव का अंत:परीक्षण करवा वारिसों को सौंप दिया गया।
    मिली जानकारी के अनुसार एलनाबाद के वार्ड नं. 9 मे संजय कुमार नामक व्यक्ति का मकान निर्माणाधीन है। कुछ दिन पूर्व संजय कुमार ने ठेकेदार मूलाराम के माध्मम से हनुमानगढ़ के वार्ड नं. 35 निवासी राकेश पुत्र नानूराम मिश्रा को अपने आवास पर मार्बल  लगवाने के लिए बुलाया था। दो दिन से वह उक्त मकान में मार्बल लगाने का कार्य कर रहा था। गत रात्र उसकी संदिग्ध परिथितियों में मौत हो गई। ठेकेदार मूलाराम ने राकेश मिश्रा की मौत की जानकारी  उसके परिजनों को दी। सूचना मिलने पर मृतक का भाई राजेश कुमार एलनाबाद पहुंचा। पुलिस की सहायता से शव सामान्य अस्पताल ले जाया गया। मृतक के भाई का आरोप है कि संजय व मूला राम ने उसके भाई की हत्या की है। फिलहाल पुलिस ने उक्त दोनों के विरुद्ध गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। मामले की जांच कर रहे सहायक उपनिरीक्षक सत्यनारायण ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के पश्चात ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

Saturday 5 November 2011

लोगों ने झपटा झपटमार

सिरसा। परशुराम चौक पर आज दिन-दिहाड़े रिक्शे पर सवार मां-पुत्री से बाइक पर सवार दो युवकों ने राशि झपट ली। लोगों ने एक युवक को काबू कर लिया। दूसरा फरार हो गया। पब्लिक ने उक्त युवक की जमकर धुनाई की, तदोपरांत घटनास्थल पर पुलिस पहुंची और आरोपी को काबू कर थाने ले गई। समाचार लिखे जाने तक आरोपी से पूछताछ जारी थी।
    मिली जानकारी के अनुसार एमसी कालोनी निवासी शशी बाला दोपहर अपनी पुत्री उमा के साथ रिक्शा पर सवार होकर किसी कार्यवश बाजार जा रही थी। वे परशुराम चौक पर पहुंची, इसी दौरान बाइक पर सवार दो युवकों ने महिला के हाथ से पर्स झपट लिया और फरार हो गए। शशीबाला ने शोर माचा।
    प्रत्याक्षदर्शियों के अनुसार बाइक पर सवार दो अन्य युवकों ने उक्त झपटमारों का पीछा किया और गोल डिग्गी पर एक युवक को धर दबोचा। दूसरा आरोपी बाइक लेकर फरार हो गया। भीड़ एकत्रित हुई और आरोपी की जमकर पिटाई की गई। दुकानदारों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने पर शहर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी की पहचान अमृतसर कलां निवासी नाहर सिंह के रूप में हुई है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। दूसरे आरोपी की धरपकड़ के प्रयास जारी है।
    शशीबाला के अनुसार उनके पर्स में 5200 रुपये की नकदी थी। पुलिस ने आरोपी से उक्त राशि बरामद कर ली है। पुलिस का कहना है कि आरोपी से कड़ी पूछताछ की जा रही है। शहर में हुई अन्य वारदातों में भी आरोपियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। आरोपी को न्यायालय में पेश कर पुलिस अभिरक्षा की मांग की जाएगी।

मजदूर ने निगला जहर, परिजनों ने बताया संदिग्ध

सिरसा। डबवाली के अंतर्गत गांव मसीतां निवासी एक युवक ने जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया। युवक को सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। चिकित्सकों के अनुसार उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
    मिली जानकारी के अनुसार मसीतां निवासी बृजलाल का पुत्र राजू गांव में ही मजदूरी करने गया था। कार्य निपटाकर वह घर पहुंचा। अचानक उसके मुंह से झाग निकली शुरू हो गई। परिजनों ने उसे डबवाली के सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया। गंभीर हालत के चलते चिकित्सकों ने उसे सिरसा रैफर कर दिया। परिजनों ने इस मामले को संदिग्ध बताया है। उनका कहना है कि संभवत: उसने स्वयं जहर नहीं निगला बल्कि उसे जहर खिलाया गया है। सदर डबवाली थाना के सहायक उपनिरीक्षक रामनिवास राजू के बयान लेने अस्पताल पहुंचे। एएसआई का कहना है कि राजू बयान देने की हालत में नहीं है।

एटीएम तोडऩे वाले धरे

सिरसा। डिंग थाना प्रभारी भारतेन्द्र कुमार ने बताया कि बीती 23 अक्तूबर की रात्रि को डिंग मंडी में स्थित एसबीआई का एटीएम तोड़कर चोरी करने के प्रयास के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों की पहचान राकेश कुमार पुत्र रणवीर सिंह व पूर्णमल पुत्र लीलू राम निवासी सूलीखेड़ा जिला फतेहाबाद के रूप में हुई है। दोनों आरोपियों को हिसार जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर सिरसा अदालत में पेश कर पूछताछ हेतु एक दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है।

दहेज हत्या में पति पकड़ा

सिरसा। जिला की डिंग थाना पुलिस ने बीती 1 अक्तूबर को हुई दहेज हत्या के मामले में घटना के आरोपी पति संजय कुमार पुत्र मुंशी राम निवासी दुर्जनपुर जिला हिसार हाल बिजली बोर्ड डिंग को गिरफ्तार कर लिया है।
    मामले के जांच अधिकारी एवं डिंग थाना के प्रभारी निरीक्षक भारतेन्द्र कुमार ने बताया कि इस संबंध में मृतका मंजू पुत्री प्रभूराम निवासी तामसपुरा फतेहाबाद के भाई रोहताश की शिकायत पर पति संजय, जेठ बिल्लु, जेठानी मीनू व ससुर मुंशी राम के विरुद्ध भादसं की धारा 304बी व 34 के तहत मामला दर्ज हुआ था। थाना प्रभारी ने बताया कि घटना के बाकी आरोपियों को भी शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।

Friday 4 November 2011

बेबे जी मैं डाकू बणांगा

 वीरेंद्र भाटिया
    बेबे नी मैं संत बणांगा, बंदा बड़ा कुसंत बणांगा, चिट्टा चौला लम्मा पाके, लौकां नूं मैं लुट्टूं बेबे आदि आदि आदि। ये गीत दो चेहरों वाले डाकुओं के लिए है। दो चेहरे वाले डाकुओं का एक वर्ग और भी है, हमारे समाजसेवी नेता लोग। ईमानदार लोगों को  संत और नेता नहीं बनना चाहिए क्योंकि चेहरे पर चेहरा लगा कर लोगों से बेईमानी करना अनैतिकता है।
    वैसे भी अब क्या करिएगा? डाकू बनने के अलावा कोई रोजगार बचा भी तो नहीं है, जनरल कैटेगरी में हैं लेकिन जाट नहीं हैं तो सरकार नौकरी नहीं देगी। बिजनेस करो तो कंपनी रजिस्टे्रशन से लेकर मुनाफे तक पर सरकार की नजर रहती है। मुनाफा आया नहीं कि 30 प्रतिशत टैक्स सरकार को पहले दो। पांच लांख की कोई एंटरी बैंक में कर लो तो सरकार कागज घर भेज देती है। कोई एन.जी.ओ. बना कर चंदा ले लो तो दिग्विजय जैसे भांड (सांड) वैसे सींग उठाकर पीछे पड़ जाते है। अब रास्ता क्या है? पैट्रोल फिर 1.80 पैसे बढ़ा दिया। गैस के दाम 560 रुपए प्रति सिलेंडर हो जाएंगे। सब्जी लेने जाओ तो टोकरी में पैसे और जेब में राशन, सब्जी आती है। कभी रूस में ऐसा हाल था। प्रणब दा हमारे वित्त मंत्री है कहते हैं, महगाई दिसंबर में नीचे आएगी इस बार त्यौहारी मांग के कारण महंगाई बढ़ गई। और कृषि मंत्री शरद पवार कहते कि फलां चीज़ के दाम बढ़ेंगे और स्टोरिये फटाक से चीजों को स्टोर में भेज देते हैं। जितना बड़ा शरद पवार का डील-डौल है, उससे कई गुना बडा उनका लालच है। सरकार को महंगाई की मूल जड़ भीमकाय शरद पवार दिखता ही नहीं। रिजर्व बैंक का अंधा गवर्नर हर बार ब्याज दरें बढ़ाकर बाजार से पैसा खींचने की कोशिश कर रहा है। इसी वित्तीय वर्ष में वह धीरे-धीरे करके लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज दर बढ़ा चुका है लेकिन महंगाई डायन नीचे आने की बजाय  6 से 12 प्रतिशत की छलांग लगा गई। गवर्नर साहब की आंख नहीं खुल रही कि ब्याज दर बढ़ाने के बाद भी यदि महगाई बढ़ रही है तो कारण कुछ और होगा। आप मध्यम वर्ग को नाहक क्यों निचोड़ लेना चाहते हैं? गवर्नर साहब को दिखता ही नहीं कि हमारी अर्थव्यवस्था में जो 70 प्रतिशत काला धन घूम रहा है, महंगाई की असली वजह तो वह है। और उस काले धन की मार्फत लोगों ने जरूरी चीजों की जमाखोरी कर रखी है। ना तो आपने काले धन वालों के चेहरे उघाडऩे हैं और ना ही जमाखोरों को किसी प्रकार हतोत्साहित करना, तो पोला सा मुंह बनाकर टी वी पर महंगाई के बारे में अनाप- शनाप बोल देने से क्या हासिल है?
    पैट्रोल की कीमत बढ़ाने का बहाना देखिए! क्योंकि रुपये की कीमत घट गई है और डॉलर की कीमत बढ़ गई है इसलिए पैट्रोल कपंनियों को 1.50 रुपए प्रति लीटर का नुकसान होने लगा था, बढ़ा दिए 1.82 रुपए प्रति लीटर। शायद टैक्स भी साथ ही बढ़ गया। बेशर्म सरकारों को इतनी भर रहम नहीं आती कि कंपनियों की बैलेंस शीट का ही आपको ख्याल है तो कम से कम बढ़ी दरों पर सरकार तो टैक्स वसूलने से बाज आ जाए। लेकिन नहीं। सुधि पाठकों की जानकारी के लिए बता दूं कि पैट्रोल पर जितना राजस्व सरकारों को मिलता है उसी एक मद से सरकार अपने राजकीय खर्च, कर्मचारियों के वेतन समेत आराम से निकाल लेती है।
    एक पंजाबी का गाना 'सरकारां चलदियां ने साडे ही पैसेयां ते' जब मध्यम वर्ग सुनता है तो मन मसोस कर रह जाता है। आखिर करें क्या? साडे पैसों से अकेली सरकारें ही नहीं चलती, पूरा सिस्टम चल रहा है। उनके घर भी चलते रहें, इसके लिए अंधों के झुंड को एक बार देश के उस वर्ग के भीतर भी झांक कर देख लेना चाहिए जो महंगी कारों और एसी रूम के बाहर तपती दुपहरी और ठिठुरती रात में अपना घर चलाने के लिए दिन-रात एक किए हैं। उसी की मेहनत से आपकी सरकारें हैं सरकार जी! आप डाकू बनने के लिए माहौल तैयार ना करें, और खुद भी डाकू बनने से बाज आएं।

पत्नीहंता पहुंचा जेल

सिरसा। कंगनपुर में पत्नी की हत्या करने के मामले में आरोपी पति को सदर थाना पुलिस ने काबू कर लिया है। आरोपी को आज अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती सीमा सिंघल की अदालत में पेश किया गया है। न्यायालय ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के आदेश दिए।
    उल्लेखनीय है कि गत दिवस कंगनपुर निवासी पूर्ण सिंह ने 12 बोर की बंदूक से अपनी पत्नी अमरजीत कौर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी पूर्ण को आज काबू कर लिया। सदर थाना प्रभारी जगदीश राय ने बताया कि इस मामले में शाहपुर बेगू निवासी रामेश्वर के विरुद्ध भी शस्त्र   अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूर्ण सिंह ने उक्त व्यक्ति की बंदूक से घटना हो अंजाम दिया था।

बेघरों को मिलेगी छत

सिरसा। हरियाणा में बेघर लोगों को छत मुहैया करवाने के लिए जिला मुख्यालयों पर रात्रि विश्रामगृह बनाए जाएंगे। इस योजना के शुरूआती दौर में सिरसा सहित फरीदाबाद, रेवाड़ी, सोनीपत, यमुनानगर जिला मुख्यालयों पर रात्रि विश्रामगृह का निर्माण शुरू किया गया है।
    यह जानकारी देते हुए उपायुक्त समीर पाल सरौ ने बताया कि सिरसा शहर में जीवन सिंह जैन पार्क के पास 14 लाख 20 हजार रुपए की लागत से रात्रि विश्राम गृह का निर्माण करवाया जा रहा है। इस विश्रामगृह के निर्माण का कार्य अंतिम चरण पर है। इस रात्रि विश्रामगृह में शौचालय, स्नानघर आदि की सुविधा होगी।  सिरसा के रात्रि विश्रामगृह में 48318 का हॉल तथा 13310 का एक कमरा तैयार किया जा है। इस रात्रि विश्रामगृह को दिसंबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। दिसंबर माह में शहर में कोई भी बाहर से आना वाला गरीब व बेसहारा व्यक्ति बिना छत के नहीं सोएगा।
    उन्होंने बताया कि सिरसा में यह रात्रि विश्राम गृह स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना के तहत बनाया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य नगरपरिषद को सौंपा गया है। परिषद के उपमंडल अभियंता ने बताया कि रात्रि विश्रामगृह का निर्माण कार्य अंतिम चरण में और आगामी दिसंबर माह में विश्रामगृह को पूरा करके जिला रैडक्रॉस सोसायटी को सौंप दिया जाएगा।

सांगवान चौक पर चेन स्नेचिंग

सिरसा। सांगवान चौक पर दिन दिहाड़े महिला के गले से चेन छीनने के मामले में पुलिस ने दो महिलाओं को काबू किया है।  आरोपी महिलाओं से पूछताछ जारी है। मिली जानकारी के अनुसार सांगवान चौक पर आज दोपहर एक महिला के गले से दो महिलाओं ने चेन छीन ली।
    सूत्रों के मुताबिक उक्त महिलाओं ने चेन छीनकर अपनी एक अन्य साथी महिला को देकर बस में रवाना कर  दिया। महिला के शोर मचाने पर सांगवान चौक पर तैनात सहायक उपनिरीक्षक देवीलाल ने कार्रवाई करते हुए दोनों महिलाओं को काबू कर लिया। समाचार लिखे जाने तक आरोपी महिलाओं से शहर थाना में पूछताछ की जा रही थी।

Sunday 14 August 2011

'अ’ और 'आ’

    ज्योतिष शास्त्र में हालांकि मेरा रत्ती भर भी विश्वास नहीं है। लेकिन कई बार संयोग ऐसा बनता है कि समझ में नहीं आता कि इसे इत्तेफाक माना जाए या कुछ और। ऐसा ही संयोग इन दिनों 'अ’ और  'आ’ को लेकर बना हुआ है। अ से अगस्त का महीना शुरू हुआ ही था कि देश के लिए आ से आफत आन खड़ी हुई। वैसे तो भारत में आफतों का कभी अंत नहीं होता। लेकिन कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि पूरा देश प्रभावित होता है।
    अब अ और आ पर गौर फरमाइएगा। अन्ना का आंदोलन अरसे से जारी था। अगस्त में फिर आमरण अनशन की आफत। अन्ना ने दिन भी चुना तो आजादी का। आरोपों का पहले ही अंत नहीं था, उस पर कहा गया कि आचरण अच्छा नहीं तो 'आलाकमान’ को  तिरंगा फहराने का अधिकार कहां? अब अवाम तो आजादी चाहता है। इसीलिए तो आंदोलन पर आमादा है।
    अन्ना की आफत गले में ही अटकी थी, उस पर कम्बख्त ये प्रकाश झा अपनी 'आरक्षण’ और ले आए। अब अनुसूचित जाति के अपमान की आफत! अन्ना के फेर से मुक्त मुख्यमंत्रियों ने इस अ, आ में उलझना उचित समझा और 'आरक्षण’ रूपी आग को दो महीने बाद लगाने का आदेश दिया। देखा जाए तो अक्तूबर में फिर से अ और आ का संयोग बन सकता है!
    मेरे साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ। मार्च में जापान सुनामी की तबाही से जकड़ा था। इसी दौरान मुझे कम से कम 10 दोस्तों के जख्मी होने की सूचना मिली, जिनके नाम 'ज’ से शुरू होते थे। इस बात ने मुझे हैरान किया और मैंने उन लोगों को सांत्वना में ग्रहों का प्रकोप होने की बात कह डाली। हालांकि अभी भी मैं इसे मानता नहीं हूं।
    अब अ और आ की असलियत क्या है, यह तो नहीं जानता लेकिन अगस्त का अंत होने में अभी 16 दिन बाकी हैं और यही मेरी परेशानी का सबब बना हुआ है। मेरे दिन वैसे ही अच्छे नहीं रहते हैं, इस पर मेरा नाम भी अ से शुरू होता है। आगे अल्ला जाने अंजाम!

Friday 12 August 2011

सिर्फ धागा नहीं, प्यार बांधिए!

    आज रक्षा बंधन है। विशेषत: भाई-बहन के स्नेह को समर्पित यह त्यौहार हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति में रिश्तों को जितनी महत्ता दी गई है, शायद और किसी समाज में नहीं। शायद इसीलिए भारतीय संस्कृति सर्वसम्पन्न है। और यह सिर्फ मेरा मत नहीं है, विश्वभर में अपनी धाक होने का दावा करने वाली पाश्चात्य संस्कृति के पैरोकार और विद्वान भी इस बात को यदाकदा दबी जुबान में स्वीकार कर जाते हैं। भारतीय शास्त्रों में हर दिन, हर त्यौहार एक खास उद्देश्य को लेकर बुना गया है। मूल रूप से ये सभी त्यौहार सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता और एकसूत्रता के सांस्कृतिक उपाय रहे हैं।
    रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते की प्रगाढ़ता दर्शाता है। पूरे देश में भिन्न-भिन्न तरीकों और अनुष्ठानों से यह त्यौहार मनाया जाता है। त्यौहार का नाम हर जगह अलग हो सकता है, लेकिन भावना एक ही होती है। विदेशों में भी भारत जहां-जहां बसता है, संस्कृति की छाप अमिट रहती है। दूरियों के कारण राखी कलाई पर चाहे न बंध पाए, लेकिन रीति-रिवाजों का पालन करते हुए इसका आदान-प्रदान तो हो ही जाता है। 
    भाईयों की हर क्षेत्र में विजयश्री की कामना के साथ खुद की रक्षा किए जाने का संकल्प लेकर बहनों द्वारा बांधी जाने वाली राखी भी अब भौतिकवाद की भेंट चढ़ रही है।  राखी का धागा तो अब बेजोड़ सोने की शक्ल में कलाई पर बंधता है, लेकिन दिलों के धागों में जगह-जगह गांठ है। ऐसा नहीं है कि हमारे समाज में ऐसी परिस्थितियां एकाएक बन गई हैं। जाने-अनजाने हम आधुनिकता की अंधी दौड़ में रिश्तों का कत्ल करते जा रहे हैं। हम आधुनिक हो नहीं रहे हैं, लेकिन दिखावा करना चाहते हैं।
    वास्तव में हम 'पश्चिमÓ की चकाचौंध की ओर आकर्षित हो रहे हैं। हम लिव इन रिलेशनशिप की मांग करते हैं। समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दिए जाने के पक्ष में उठ खड़े होते हैं। हमें 'वैलेन्टाइन डेÓ 'फ्रेंडशिप डेÓ, 'क्रिसमस डेÓ और लगभग हर डे तो याद है, लेकिन त्यौहार कई बार भूल जाते हैं। हर कोई संस्कृति और परंपराओं को रुढि़वाद करार देकर इससे किनारा कर रहा है। लेकिन हम यह भूल रहे हैं कि जिस चकाचौंध की ओर हम भागने को आतुर हैं, वहां लोगों की आंखें जल्द ही चौंधिया जाती हैं। वे अंधे हो जाते हैं और उसके बाद उन्हें 'स्वÓ के सिवाय कुछ नहीं दिखता।
    एक सुखद बात यह है कि हम अभी भी रक्षा बंधन जैसे त्यौहार मनाते हैं। जरूरत इतनी ही है कि शिद्दत के साथ त्यौहार मनाया जाए। आधुनिक होना अच्छा है लेकिन रिश्ते अनमोल हैं। हम उस संस्कृति के पैरोकार हैं जिसने हजारों साल पहले 'विश्व एक हैÓ की बात कही थी, जिसे 'पश्चिमÓ ने व्यापारिक दृष्टि से अनुकूल मानते हुए अब अमल में लाने पर जोर दिया है। फिर हम अपने त्यौहारों को उनके लिए गौण क्यों करें, जो अभी हमसे हजारों साल पीछे चल रहे हैं। 

Saturday 23 July 2011

विश्वविद्यालय का अनुभव


चै. देवीलाल विश्वविद्यालय में जब से पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग बना, मैं यहां आने के लिए उत्सुक रहा। विडम्बना है कि पत्रकारिता के क्षेत्र को हमारा समाज सिर्फ एक टाइम पास मानता है। इसी का नतीजा रहा कि कमाउ पूत बनाने की दिशा में बढ़ने के लिए मुझे भी उकसाया गया। लेकिन पत्रकारिता का जुनून, या कहें कि पत्रकारिता का कीड़ा मेरे पिता ने मेरे रोम-रोम में पहले ही छोड़ दिया था और गनीमत रही कि मैंने उसे मरने नहीं दिया।
आज विश्वविद्यालय में एमएमसी प्रथम वर्ष में हूं। कुछ दिन से कक्षाएं जारी हैं। काफी नए दोस्त मिले हैं। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चैहान के वक्तव्य काफी मौकों पर सुनने को मिले, लेकिन कक्षा में सीधे तौर पर संवाद का मौका मिला। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने सबसे पहले उंचे सपनों की बात की। खयाल बुनो, तो उंचे। हो सकता है आपके राह में आपको सैंकड़ों मुश्किलें पेश आएं, लेकिन जब आप बिना थके इन मुश्किलों पर पार पाएंगे तो ही कामयाब हो पाएंगे।
पत्रकारिता में सम्मान और आजीविका के संबंध में एक विद्यार्थी के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा सोचना कतई गलत होगा कि पत्रकारिता आजीविका का साधन नहीं बन सकती। उन्होंने कुछ शख्सियतों का उदाहरण देते हुए बताया कि पत्रकारिता का क्षेत्र सम्मानजनक तो है ही, साथ ही मनुष्य की आधुनिक आवष्यकताओं की पूर्ति करने का माद्दा भी रखता है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को अब इस क्षेत्र में खासतौर पर प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। चूंकि अब युवा व्यावहारिक के साथ-साथ तकनीकी और किताबी ज्ञान से भी परिपूर्ण हैं, इसलिए उनके लिए अपार संभावनाएं हैं। पत्रकारिता में अध्यापन कार्य ने भी नए आयाम स्थापित किए हैं। उनके अलावा प्राध्यापक रवीन्द्र व अमित सांगवान ने भी संबंधित विषयों पर विद्यार्थियों को संबोधित किया।
विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की खास बात यह रही कि पहले दिन से ही व्यावहारिक कार्य करने के लिए विभाग के संसाधन हमारे हवाले कर दिए गए। जो दिल में आए, करो! और मेेरा यह ब्लाॅग भी अध्ययन के दौरान दूसरे ही दिन किए गए एक प्रयोग का नतीजा है।

Thursday 21 July 2011

अरिदमन होने का अर्थ

    अपना ब्लॉग शुरू किया तो सोचा, क्या नाम दिया जाए। ऐसा नाम जो अर्थपूर्ण हो। फिर खुद का नाम जेहन में उठा। अरिदमन! मुझे पिता ने यही नाम दिया। यह नाम दो शब्दों 'अरिÓ और 'दमनÓ को लेकर  बना है।  अरि का अर्थ  है दुश्मन, और दमन का मतलब नाश। इस प्रकार यह दुश्मन का नाश करने का संदेश देने वाला नाम पहले मेरे लिए इतना अर्थपूर्ण नहीं था। लेकिन अब इसके मायने मैं भले से समझने लगा हूं। 
    जानता हूं कि देश के दुश्मनों (चाहे वे किसी भी रूप में हों) का नाश करने का जुनून पालने वाले को अब पागल का नाम दिया जाता है। वर्तमान में खाओ और खाने दो की रिवायत है। व्यवस्था ही ऐसी बन चुकी है। सवा करोड़ की जनसंख्या वाले देश भारत में मैं अदना इंसान भी इसी व्यवस्था का हिस्सा बन चुका हूं। केवल मैं ही नहीं, मुझ जैसे कई अरिदमन दिल में व्यवस्था की जर्जरता पर आंसू बहाते इसे बदलने की सोच पाले हुए हैं।
    देश का दुश्मन एक नहीं है। भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, आतंकवाद और न जाने ऐसे कितने ही अरि हैं देश के जिनका दमन किया जाना जरूरी है। लेकिन देश को पूर्ण रूप से इन दुश्मनों से मुक्त कर पाना संभव ही नहीं है। और यह कड़वा सच मेरे खयाल से हर किसी को अपना लेना चाहिए। परंतु, हम इसे कम चाहे न कर पाएं, बढऩे से तो रोक ही सकते हैं। नई पीढ़ी बहुत ही सूझवान है, बलवान है। इच्छाशक्ति की कमी नहीं है, यह सबसे बड़ी बात है। युवाओं का खून देश की दुर्दशा देख खौलता है, ऐसे अनेक उदाहरण हम हाल ही में देख चुके हैं। भगत सिंह ने न जाने किससे प्रेरणा ली, लेकिन अब के युवाओं के पास तो प्रेरक बहुत हैं। हमें जंग की जरूरत भी नहीं है। इंकलाब लाना है और इसके लिए हमें सिर्फ अपना काम ईमानदारी से करते जाना है। अरिदमन नामक यह ब्लॉग देश के दुश्मनों के खिलाफ किसी को लामबंद कर पाएगा या नहीं, परंतु यह जरूर दावा करता है कि इंकलाब जरूर आएगा, चाहे वह मिस्र की भांति आए या युवाओं के चुपचाप इस व्यवस्था से किनारा कर बदलाव की ओर बढऩे फैसले से।
-अरिदमन